राजस्थान का प्रसिद्ध सांवरिया सेठ मंदिर की यात्रा और आसपास घूमने की जगहें – Sawariya Seth Mandir Rajasthan

sawariya seth mandir rajasthan

भगवान् कृष्ण को समर्पित चित्तौड़गढ़ शहर से 40 किमी की दूरी पर मंडफिया में sawariya seth mandir rajasthan में स्थित है। यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरो में से एक है, सांवरिया सेठ मंदिर व्यापारियों के लिए ज्यादा मायने रखता है और ज्यादातर यहाँ व्यापारिया यहाँ दर्शन, प्रार्थना करने और दान देने के लिए आते है। यह मंदिर  चित्तौड़गढ़-उदयपुर राजमार्ग के नजदीक होने की वजह से यहाँ श्रद्धालु और पर्यटक अधिक संख्या में देखने मिलते है। आज के लेख सांवलिया सेठ मंदिर चित्तौड़गढ़ और इतिहास से जुडी जानकारी के पाने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे।

सांवरिया सेठ मंदिर का इतिहास – Sawariya Seth Mandir Rajasthan

चित्तौडगढ़ के मंडफिया में स्थित sawariya seth mandir 450 साल पुराना है, मंदिर का निर्माण मेवाड़ राजपरिवार ने करवाया था। यह मंदिर चित्तौडग़ढ़ रेलवे स्टेशन से 41 किमी और डबोक एयरपोर्ट-उदयपुर से 65 किमी दूर है। भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिरो से एक है, किवदंतियो के अनुसार यह वही सांवलिया सेठ है जिनकी पूजा मीरा बाई गिरधर गोपाल के रूप में करती थी।

सांवरिया सेठ मंदिर की कहानी – Sawariya Seth Mandir Kahani

सांवरिया सेठ मंदिर के बारे में एक प्राचीन कथा है। 1840 में दूधवाले भोलाराम गुर्जर ने एक सपना देखा। जिसमें उन्होंने भादसोड़ा-बगुंड के चापर गांव में तीन दिव्य मूर्तियों को देखा। उन्होंने उस जगह की खुदाई की जहां उन्होंने सपना देखा था और वहां भगवान कृष्ण की तीन सुंदर मूर्तियाँ मिलीं। इन मूर्तियों से तीन मंदिर बने और यहां पूजा करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

सांवरिया सेठ मंदिर की वास्तुकला

सांवरिया सेठ मंदिर की वास्तुकला उत्तर भारत के हिंदू मंदिरों की स्थापत्य शैली से सम्बंधित है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्री कृष्ण की आकर्षक और शानदार मूर्ति है जिसका आकार बहुत बड़ा है। जिससे धार्मिक अनुष्ठानों का संचालन आराम से होता है।

मंदिर के ऊपर एक विशाल सीकरा है और मंदिर की छत और फर्श परंपरागत हिन्दू मंदिरों के अनुसार बनाए गए हैं। इस परिसर में अन्य देवी-देवताओं के भी छोटे-छोटे मंदिर हैं और मंदिर की दीवारों पर स्थानीय देवी-देवताओं की मूर्तियों को आकर्षक ढंग से तराशा गया है जो इस मंदिर की सुंदरता को ओर बढ़ाते हैं।

सांवरिया सेठ मंदिर का समय – 

  • सांवरिया सेठ मंदिर खुलने का समय – Sawariya Seth Mandir Khulne Ka Samay

सांवरिया सेठ मंदिर रोजाना सुबह 5:30 से 12:00 बजे तक खुला रहता है और दोपहर 2:30 से 11:00 बजे का समय रहता है।

  • सांवरिया सेठ मंदिर बंद होने का समय – sawariya seth mandir band hone ka samay

सांवरिया सेठ मंदिर रात के 11:00 बजे के बाद बंद हो जाता है। 

  • सांवरिया सेठ मंदिर दर्शन टाइम और पूजा – Sawariya Seth Mandir Darshan Ka Samay
  1. मंदिर में सुबह की पूजा – 5:30 बजे।
  2. सांवलिया सेठ मंदिर दर्शन टाइम – 5:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक।
  3. मंदिर दोपहर 12:00 बजे से 2:30 बजे तक बंद रहता है।
  4. मंदिर में शाम के दर्शन – 2:30 बजे से रात 11:00 बजे तक।
  5. मंदिर में शाम की पूजा – 8:00 बजे से 9:15 बजे तक।
  6. मंदिर में भजन और कीर्तन – रात 9:15 बजे से 11:00 बजे तक।

सांवरिया सेठ मंदिर के त्योहार

सांवरिया सेठ मंदिर में हिन्दुओं के सभी त्योहारों का आयोजन होता है। लेकिन इस मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन पूरे मंदिर क्षेत्र को सजाया जाता है और इस दिन मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठा होती है। जहां सभी लोग मंदिर क्षेत्र में भजन-कीर्तन का आनंद लेते हैं। सभी व्यक्ति श्री कृष्ण जन्माष्टमी को उत्साह और हर्ष के साथ मनाते हैं।

सांवलिया सेठ के चमत्कार

माना जाता है की  भगवान श्री सांवलिया सेठ का रिश्ता महान कृष्ण भक्त मीरा बाई से है। हिन्दू धर्म में माना जाता है की सांवलिया सेठ मीराबाई के वही गिरधर गोपाल हैं जिनकी वह पूजा-अर्चना करती थी और उस समय मीराबाई इन मूर्तियों को लेकर साधु-संतो के साथ भजन- कीर्तन करती थी। उस समय दयाराम नामक संतों की ऐसी टोली थी जिनके पास यह मुर्तिया रहती थी। औरंगजेब के शासनकाल में भारत के सभी मंदिरो को तोड़ रहे थे तब भगवान की प्रेरणा से दयारामने मुग़ल सेना आने से पहले मुर्तिया लेकर बागुंड-भादसौदा क्षेत्र में एक बरगद के निचे जमीन में गाड दिया।

प्राचीन कथाओ के अनुसार साल 1840 में मंडफिया गांव में भोलाराम गुर्जर नामक चरवाहे को भगवान स्वप्न में आये और बागुंड-भादसौदा गांव की सीमा के छापर में तीन मूर्तियां जमीन में दबी हुई हैं इसके बारे में बताया। यह बात गांव वालो को बताई लेकिन कुछ फर्क नहीं पड़ा लेकिन जब स्वप्न वाले स्थान पर खुदाई करवाई तब स्वप्न सच हुवा और जमीन में से सुंदर तीन मुर्तिया निकली।

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सांवरिया सेठ मंदिर के आसपास घूमने की जगहें – Sawariya Seth Ke Aas Paas Ghumne Ki Jagah

1. चित्तौड़गढ़ किला

चित्तौड़गढ़ या चित्तौड़किला के नाम से प्रसिद्ध यह स्थान प्राचीन समय में मेवाड़ की राजधानी थी। यह किला एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है और इसमें चार महल 19 बड़े-बड़े मंदिर, 20 जल निकाय, 4 स्मारक और कुछ विजय मीनारें शामिल है। यह किला यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया है।

2. कालिका माता मंदिर

चित्तौड़गढ़ नगर पालिका के भीतर चित्तौड़ किले में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है, जो आठवीं शताब्दी में निर्मित हुआ था। मंदिर की आदि में यह एक सूर्य मंदिर था। लेकिन समय के साथ यह क्षीण हो गया था। राणा कुंभा ने इसे पुनर्निर्माण किया और इसमें एक देवी की मूर्ति स्थापित की। बाद में इस देवी को कालिका माता के रूप में पुनर्निर्माण किया गया और इसे मोरी पंवार कुल की कुलदेवी के रूप में माना जाता है।

3. विजय स्तम्भ

चित्तौड़ किले के भीतर, एक शानदार विजय स्मारक स्थित है। जिसे सन 1448 ईस्वी में मेवाड़ के हिंदू राजपूत राजा राणा कुंभा ने मालवा और गुजरात सल्तनत की सेनाओं के खिलजी सुल्तान महमूद के खिलाफ विजय की ख़ुशी में बनाया था। यह स्तम्भ राजस्थान में विजय का प्रतीक माना जाता है।

4. समाधिश्वर मंदिर

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित समाधिश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान शिव को समाधिश्वर के नाम से पुकारा जाता है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था और 15वीं शताब्दी में इसे पुनः जीर्णोद्धार किया गया था।

5. राणा कुंभा पैलेस

राणा कुंभाने 15वीं शताब्दी में चित्तौड़गढ़ में एक महल का निर्माण करवाया और वह राणा कुंभा पैलेस से प्रसिद्ध हुवा। यह महल चित्तौड़गढ़ किले की सबसे प्राचीन और आकर्षक स्मारक है।

सांवरिया सेठ मंदिर से जुड़े प्रश्न –

1. सांवरिया सेठ का मंदिर कहां पर है ? – sawariya seth mandir kaha hai

भगवान् कृष्ण को समर्पित चित्तौड़गढ़ शहर से 40 किमी की दूरी पर मंडफिया में sawariya seth mandir rajasthan में स्थित है।

2. सांवरिया सेठ जयपुर से कितने किलोमीटर दूर है ?

अगर आप सांवलिया सेठ की मंदिर की यात्रा सड़क मार्ग से करते है तो जयपुर से करीबन 288 किमी की यात्रा आपकी रहेगी इसमें आपका लगभग 7 घंटे का समय लगेगा।

3. ट्रेन से सांवरिया सेठ मंदिर कैसे पहुंचे ?

आप मण्डफिया यानि की सांवरिया सेठ मंदिर ट्रेन से सफर करना चाहते है तो आपको कई रेलवे स्टेशन सांवरिया सेठ मंदिर के नजदीकी मिल जायेंगे। जिसमे चित्तौड़गढ़ से 40 किमी, निम्बाहेड़ा से 40 किमी, कपासन से 35 किमी और उदयपुर से  80 किमी है । यह सभी जंक्शन भारत के प्रमुख रेल मार्ग से जुड़े है।

4. सांवरिया सेठ के दर्शन कितने बजे तक होते हैं ?

सांवरिया सेठ मंदिर रोजाना सुबह 5:30 से 12:00 बजे तक खुला रहता है और दोपहर 2:30 से 11:00 बजे का समय रहता है।

5. सांवरिया सेठ की आरती कितने बजे है ?

सांवरिया सेठ की आरती सुबह की आरती 5:30 बजे और शाम की आरती 8:00 बजे से 9:15 बजे तकहोती है।

6 . नाथद्वारा से सांवरिया सेठ मंदिर की दूरी – sawariya seth mandir to nathdwara distance

नाथद्वारा से सांवरिया सेठ मंदिर की दूरी करीबन 107 किमी है, नाथद्वारा से सांवरिया सेठ मंदिर से बसों की औसत अवधि 2 घंटे का रहता है।

निष्कर्ष :

आशा है कि मैंने राजस्थान के सांवरिया सेठ मंदिर के बारे में आपको संपूर्ण जानकारी प्रदान की, इस पोस्ट में मैंने sawariya seth mandir rajasthan से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है। यदि आपको किसी अन्य जगह के बारे में जानना चाहते हो तो कृपया हमें कमेंट करे और अपने दोस्तो के साथ यह लेख साझा करे।

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