सालासर बालाजी हनुमान मंदिर का इतिहास, चमत्कार और यात्रा – Salasar Balaji Mandir

salasar balaji mandir

अगर आप हनुमानजी के भक्त हैं और राजस्थान घूमने गए हैं तो salasar balaji mandir के दर्शन करना मत भूलिएगा यह मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित है। हर साल यहां लाखों हनुमान भक्त उनके दर्शन के लिए आते हैं और पवनपुत्र हनुमान बालाजी अपने चमत्कारी रूप में भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको इस मंदिर के इतिहास और यात्रा के बारे में बताएंगे। भारत में दो बालाजी मंदिर मशहूर हैं। एक तो आंध्रप्रदेश में स्थित तिरूपति बालाजी मंदिर और दूसरा राजस्थान में स्थित सालासर बालाजी का मंदिर। इस मंदिर की महिमा अपार है। भगवान हनुमान की लीलाओं का ही परिणाम है कि साल दर साल लोगों की आस्था भगवान हनुमान के प्रति बढ़ती जा रही है।

सालासर बालाजी मंदिर का इतिहास मै भारत में हनुमानजी का एकमात्र ऐसा मंदिर है। जहां हनुमानजी गोल चेहरे के साथ दाढ़ी और मूछों में दिखते हैं। हालांकि इसके पीछे भी बड़ी रोचक कथा बताई जाती है। अगर आप इस धाम में जा रहे हैं तो आपके रूकने से लेकर खाने-पीने तक की पूरी व्यवस्था है। यहां ठहरने के लिए कई ट्रस्ट और धर्मशालाएं बनी हुई हैं। हर वर्ष यहां चैत्र पूर्णिमा और आश्विन पूर्णिमा पर एक शानदार मेला आयोजित होता है। जिससे इस छोटे से सालासर शहर में एक महाकुंभ की भावना उत्तेजित होती है।

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सालासर बालाजी मंदिर का इतिहास – Salasar Balaji Mandir History In Hindi

सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना का इतिहास अद्भुत और चमत्कारों से भरा हुआ है। इस मंदिर की शुरुआत 1754 में एक असाधारण घटना से हुई। नागौर जिले के असोटा गांव में, एक जाट किसान अपने खेत में हल चला रहा था। अचानक, उसका हल किसी कठोर चीज़ से टकराया। जब उसने उस स्थान की खुदाई की, तो वहां उसे भगवान बालाजी की एक छवि दिखाई दी।

किसान की पत्नी जो उसे खाना देने आई थी, ने भी इस मूर्ति को देखा। दोनों ने मिलकर मूर्ति को प्रणाम किया और बालाजी को बाजरे के चूरमे का पहला भोग अर्पित किया। इस घटना की याद में, सालासर बालाजी मंदिर में आज भी बाजरे के चूरमे का भोग लगाया जाता है।

जब मूर्ति मिलने की खबर गांव में फैली, उसी रात असोटा के ठाकुर को सपने में भगवान बालाजी ने मूर्ति को सालासर ले जाने का निर्देश दिया। साथ ही, सालासर के संत मोहनदास को भी सपने में हनुमानजी ने बताया कि मूर्ति ले जाने वाली बैलगाड़ी बिना रुके अपनी मंजिल पर पहुंचेगी, और जहां वह रुकेगी, वहीं मूर्ति स्थापित की जाएगी।

संत मोहनदास ने हनुमानजी को दाढ़ी और मूछों के साथ दर्शन देते हुए देखा। उन्होंने बताया कि बालाजी इसी स्वरूप में प्रकट होंगे। यही कारण है कि सालासर बालाजी मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति दाढ़ी और मूछों वाले विशेष रूप में स्थापित है। सालासर में मौजूद कुओं को भी बालाजी के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इन कुओं का पानी दिव्य और शुभ है। इस तरह, सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना और इसके पीछे की कहानी श्रद्धा और चमत्कारों से भरी हुई है।

सालासर बालाजी मंदिर का निर्माण

सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना 1754 में हुई थी और इसे पूर्ण रूप से तैयार होने में दो साल लगे। यह बेहद खास है कि इस मंदिर के निर्माण में योगदान देने वाले कारीगर मुस्लिम थे, जिनके नाम नूरा और दाऊ थे। मंदिर का संपूर्ण निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है, जो इसकी भव्यता को और अधिक बढ़ाता है। इस मंदिर में इस्तेमाल किए गए बर्तन और दरवाजे चांदी से बनाए गए हैं, जो इसकी सुंदरता और धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं।

मंदिर में स्थापित बालाजी की मूर्ति का गोल चेहरा, दाढ़ी और मूंछें उन्हें अनोखा बनाती हैं। उनके चेहरे पर राम की आयु बढ़ाने के लिए सिंदूर का लेप लगाया गया है, जो एक विशेष धार्मिक परंपरा को दर्शाता है। सालासर बालाजी मंदिर का इतिहास और निर्माण दोनों ही अद्वितीय और श्रद्धा से भरे हुए हैं।

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सालासर बालाजी मंदिर दर्शन टाइम – Salasar Balaji Mandir Darshan Time

salasar balaji mandir time भक्तों के लिए सुबह 4 बजे खुलता है, और सुबह 5 बजे पुजारियों द्वारा मंगल आरती की जाती है। सुबह 10:30 बजे राजभोग आरती का आयोजन विशेष रूप से मंगलवार को किया जाता है। इसलिए, जो भक्त इस आरती में भाग लेना चाहते हैं, उन्हें मंगलवार के दिन मंदिर आना चाहिए।

salasar balaji mandir aarti timings शाम के 6 बजे धूप आरती और मोहनदास जी की आरती होती है। इसके बाद, 7:30 बजे बालाजी की आरती और रात 8:15 बजे बाल भोग आरती होती है। दर्शन का समय रात 10 बजे तक होता है। इसके बाद शयन आरती के साथ मंदिर बंद कर दिया जाता है और अगले दिन सुबह 4 बजे फिर से खोल दिया जाता है। यहाँ बालाजी की मूर्ति को बाजरे के चूरमे का विशेष भोग चढ़ाया जाता है, जो इस मंदिर की विशिष्ट परंपरा है।

सालासर बालाजी में वीआईपी दर्शन – Salasar Balaji Mandir VIP Darshan 

salasar balaji mandir darshan timings के लिए भक्तों को अक्सर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है, जिसमें लगभग तीन घंटे का इंतजार करना पड़ता है। अगर आप वीआईपी दर्शन करना चाहते हैं, तो मंदिर के पीछे स्थित गेट पर चार से पांच काउंटर उपलब्ध हैं। यहां से आप ₹1000 की पर्ची खरीदकर बिना कतार में लगे सीधे दर्शन के लिए जा सकते हैं। यदि ₹1000 की पर्ची लेना संभव न हो, तो एक और विकल्प है। आप काउंटर से ₹100 की पर्ची प्राप्त कर सकते हैं। इस पर्ची के जरिए आप लंबी कतारों से बचते हुए लगभग 20 मिनट में दर्शन कर सकते हैं।

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निष्कर्ष

आज के लेख में आपको सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की अगर आपको हमारा यह salasar balaji mandir लेख पसंद आया हो तो कॉमेंट करे और अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे।

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