चंदेरी किले का गौरवशाली इतिहास: शासकों की विरासत और अनसुनी कहानियां

मध्य्प्रदेश के चंदेरी शहर बेतवा नदी के कुछ अंतर पर प्रसिद्ध और ऐतिहासिक चंदेरी किला स्थित है। यह chanderi ka kila कितना पुराना है यह किसी को भी नहीं मालूम क्योकि इसका जिक्र महाभारत के महाकाव्य में पाया गया है जिसमे राजा शिशुपाल का शासन बताया जाता है।

Chanderi qila हरे-भरे जंगलों, शांत झीलों से मालवा और बुंदेलखंड की सीमाओं के क्षेत्र में फैला है। चंदेरी किले में राजपूतों और सुल्तानों के कई प्रसिद्ध स्मारक स्थित है। इस किले के प्रसिद्ध तीन द्वार है जोकि किले की सुरक्षा को कई गुना बढ़ा देता है। किले के मुख्य द्वार को खुनी दरवाजा कहा जाता है। चंदेरी किला शहर से 71 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। यह किला अपने इतिहास के साथ कुदरती सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।

चंदेरी किले का इतिहास – Chanderi Fort History In Hindi

chanderi ka kila

कई लोगो का यह सवाल है की चंदेरी किले के मुख्य द्वार को खुनी दरवाजा क्यों कहा जाता है ? खुनी दरवाजा चंदेरी दुर्ग का प्रमुख द्वार है और आकर्षक स्मारक है यह द्वार चंदेरी किले का मुख्य प्रवेश द्वार है। खुनी द्वार का निर्माण किले की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए किया था। जिसके निर्माण से किला कई गुना सुरक्षित था।

चंदेरी किले पर 1528 में बाबर और मेदिनी राय खंगार के मध्य बेहद भयानय युद्ध हुवा जिसमे सेंकडो लोगो की जाने गई थी। युद्ध के पश्यात जब लोग इस द्वार के पास पहुंचे तब सबसे देखा की वहा लाशो का ढ़ेर बन गया था और खून की धाराये बहती देखि यह दृश्य सबसे दिल दहला देना वाला था। खून का प्रवाह बहता देख सबसे रोंगटे खड़े हो गए और इस युद्ध के बाद इस द्वार को खुनी दरवाजे के नाम से प्रसिद्ध हुवा।

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चंदेरी किले की वास्तुकला – Chanderi Ka Kila

चंदेरी फोर्ट चंदेरी शहर के नजदीक एक पहाड़ी पर 71 मीटर ऊपर स्थित यह चंदेरी दुर्ग की वास्तुकला और शिल्पकला का अदभुत नमूना है। किले में कई स्मारक भिन्न-भिन्न राजाओ के देखने मिलते है। Chanderi Fort Architecture इस तरह से किया गया है की आक्रमणखोरो से बचने के लिए किले की दीवारों को काफी मजबूती से बनाया है। किले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुवे तीन बड़े द्वार का निर्माण करवाया जिसकी वजह से किले की सुरक्षा को कई गुना बढा देता है।

किले में प्रवेश करने के लिए यह तीन द्वारा का उपयोग किया जाता है। किले के सबसे ऊपरी द्वारा को हवा पॉल और मुख्य द्वार को खूनी दरवाजा कहा जाता है। चंदेरी किले में एक और द्वार है जोकि वह दुर्ग की दक्षिण पश्चिमी भाग में स्थित है यह द्वार 59 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 24.6 मीटर ऊंचा है और यह बड़ा विचित्र द्वार है।किले में हवा महल और नौ खंडा महल स्थित है जिसको Chanderi qila की शाखाये मानी जाती है।

चंदेरी किले का खूनी दरवाजा

chanderi ka kila

कई लोगो का यह सवाल है की चंदेरी किले के मुख्य द्वार को खुनी दरवाजा क्यों कहा जाता है ? खुनी दरवाजा चंदेरी दुर्ग का प्रमुख द्वार है और आकर्षक स्मारक है यह द्वार chanderi ka kila का मुख्य प्रवेश द्वार है। खुनी द्वार का निर्माण किले की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए किया था। जिसके निर्माण से किला कई गुना सुरक्षित था।

चंदेरी किले पर 1528 में बाबर और मेदिनी राय खंगार के मध्य बेहद भयानय युद्ध हुवा जिसमे सेंकडो लोगो की जाने गई थी। युद्ध के पश्यात जब लोग इस द्वार के पास पहुंचे तब सबसे देखा की वहा लाशो का ढ़ेर बन गया था और खून की धाराये बहती देखि यह दृश्य सबसे दिल दहला देना वाला था। खून का प्रवाह बहता देख सबसे रोंगटे खड़े हो गए और इस युद्ध के बाद इस द्वार को खुनी दरवाजे के नाम से प्रसिद्ध हुवा।

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चंदेरी किले में प्रवेश का समय – Chanderi Kila Khulne Ka Samay

अगर आपने चंदेरी दुर्ग अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने जाने का प्लान बनाया है या बना रहे है तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की चंदेरी किला पर्यटकों के लिए हरदिन सुबह सुबह 6.30 और शाम 6.00 बजे तक खुला रहता है। इस समय में आप किले में प्रवेश कर सकते है। अगर आपको चंदेरी किले की सम्पूर्ण यात्रा के लिए कमसे कम आपको 2 से 3 घंटे का समय लगता है।

चंदेरी फोर्ट का प्रवेश शुल्क – Chanderi Fort ki Entry Fee

Chanderi Fort ki Entry Fee बिलकुछ फ्री है। आपको चंदेरी दुर्ग में प्रवेश और यात्रा के लिए कुछ भी शुल्क अदा नहीं करना पड़ता।

चंदेरी फोर्ट यात्रा का सबसे अच्छा समय – Chanderi Fort Khulne Ka Samay

चंदेरी किले की यात्रा पर्यटक साल भर रहते है लेकिन यात्रा का सबसे अच्छा समय बताये तो मानसून के अक्टूबर से मार्च का रहता है। इसका यह कारण है की इस समय दौरान चंदेरी का मौसम बहुत ही सुखद होता है इसके साथ किले के ऊपर के हिस्से से आप चारो तरह हरियाली से भरा कुदरती सौंदर्य देख सकते है।

चंदेरी का मशहूर भोजन

चंदेरी दुर्ग की यात्रा के समय चंदेरी शहर का प्रसिद्ध भोजन का आनंद उठा सकते है। चंदेरी शहर में आपको शाकाहारी और मांसाहारी दो प्रकार के स्वादिस्ट व्यंजन मिल जायेंगे। लेकिन इस शहर का प्रसिद्ध व्यंजनों में चवाल, सब्जी-रोटी ,गोश्त – रोटी,मटन स्टू,बिरयानी,दाल हलवा, सेवइयां, आदि शामिल है।

चंदेरी किले के नजदीकी घूमने के स्थल – Chanderi Fort Ke Najadiki Ghumne Ki Jagah

चंदेरी शहर यात्रिको के लिए घूमने के स्थलों से भरा है। इसलिए अगर आप भी चंदेरी किले की यात्रा करे तब निचे दिए गए प्रसिद्ध जगहों पर घूमने के लिए अवश्य जाये।

  • भीमसेन गुफा (भियादंत)
  • कौशक महाल
  • रानी महल
  • रामनगर पैलेस
  • बादल महल
  • श्री चौबीसी जैन मंदिर
  • श्री जगेश्वरी मंदिर
  • खंडगिरि मंदिर
  • शहजादी का रोजा
  • पुरातत्व संग्रहालय (ASI)
  • राजघाट डैम
  • जामा मस्जिद
  • जौहर स्मारक
  • कटि घटि गेटवे

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चंदेरी फोर्ट केसे पहुचें – Chanderi Fort Kaise Pahunche

कई पर्यटक चंदेरी किले की यात्रा करना चाहते है लेकिन उनका यह सवाल रहता है Chanderi Fort केसे पहुचें ? आपकी जानकारी के लिए बता दे की चंदेरी किले की यात्रा आप फ्लाइट, ट्रेन और बस से बड़ी आसानी से कर सकते है। जिसको हम विस्तार से जानेंगे।

हवाईमार्ग :

चंदेरी शहर जाने के लिए अगर अपने हवाई मार्ग को पसंद किया है तो आपको चंदेरी का सबसे नजदीकी हवाईमथक भोपाल का राजभोज हवाईमथक रहेगा यह हवाईमथक करीबन 220 किमी की दुरी पर स्थित है। इसके आलावा ग्वालियर हवाईमथक 250 किमी की दुरी पर है। आप इन दोनों में से किसी भी हवाईमथक का चुनाव कर सकते है। हवाईमथक से आप राज्य-परिवाहन की सुविधा या टैक्सी -कैब की मदद से चंदेरी शहर जा सकते है।

ट्रेनमार्ग :

अगर आपने चंदेरी जाने के लिए रेलमार्ग का चुनाव किया है तो यह भी भी बेहद अच्छा विकल्प है। चन्देरी शहर का सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन ललितपुर में है। और यह बीना-भोपाल रेल मार्ग से करीबन 40 किमी की दुरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन पहुँच ने के पश्यात आप किसी भी टैक्सी या कैब से चंदेरी किले तक पहुँच सकते है।

सड़कमार्ग :

चंदेरी किले की यात्रा के लिए आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो आप चंदेरी भोपाल, खजुराहो, ग्वालियर और दिल्ली आदि प्रमुख शहरो के सड़क मार्ग से बड़ी सरलता पहुँच सकते है। क्योकि चंदेरी का सड़क मार्ग बड़े शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुवा है। इसलिए आप बस , टैक्सी – कैब या अपने प्राइवेट वाहन से सड़क मार्ग से चंदेरी की यात्रा कर सकते है।

निष्कर्ष:

हमने आपको इस आर्टिकल में चंदेरी किले का इतिहास और चंदेरी यात्रा से जुडी जानकारी प्रदान की आपको यह आर्टिकल कैसा लगा और कौनसी जानकारी पसंद आई कमेंट करे और शेयर जरूर करे।

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