जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल-Top 19 jaipur me ghumne ki jagah

आज के लेख में हम आपको jaipur me ghumne ki jagah से रूबरू करवाएंगे। गुलाबी शहर के नाम से प्रसिद्ध जयपुर राजस्थान की राजधानी है। जयपुर अपनी सुन्दरता और प्रसिद्ध ऐतिहासिकता के लिए जाना जाता है। जयपुर का निर्माण आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने 1726 में करवाया और इस स्थान का नाम उनके नाम से रखा गया। इसके अलावा दुनिया में यह शहर ‘ पिंक सिटी ‘ के नाम से प्रसिद्ध है।

जयपुर में घूमने की जगह – jaipur me ghumne ki jagah

जयपुर विभिन्न आकर्षणों के लिए जाना जाता है। जयपुर में शाही और आर्किटेक्चरल की भव्यता से लेकर स्ट्रीट फूड और रंगीन बाजार भी गुम सकते है। jaipur ghumne ki jagah में भव्य महल, किले , मंदिर , सुंदर गार्डन , संग्रहालय , बाजार , प्राचीन वास्तुकला, संस्कृति और प्राचीन स्मारकों की भव्यता और बनावट देखकर आप भी मंत्र मुग्ध हो जायेंगे। अगर आप भी राजस्थान के jaipur mein ghumne ki jagah की यात्रा करना चाहते है या फिर प्राचीन इतिहास प्रेमी है तो हमारे साथ बने रहिए हम आपको jaipur me ghumne ki jagah के बारे में सुंदर और विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

1. हवा महल (hawa mahal)

hawa mahal

hawa mahal jaipur me ghumne ki jagah मे से एक है जो कि राजस्थान के जयपुर में स्थित है। महाराजा सवाई सिंह द्वारा निर्मित इस महल को एक अदभुत सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। यह महल मुख्य रूप से शाही रानियां और स्त्रीयो के लिए बनाया गया था, ताकि वे गलियों, मोहल्लों में होने वाले त्योहारों, उत्सवों और हलचल को देख सकें। हवा महल का निर्माण हिन्दू, राजपूत, और इस्लामी वास्तुकला में किया गया है, हवा महल में कुल 953 खिड़कियाँ है।जिससेआस-पास के दृश्यों का आनंद लेने के साथ खिड़कियों से गुजरने वाली हवा आपको सुखद आनंद प्रदान करती है। हवा महल राजस्थान की संस्कृति, वास्तुकाल और ऐतिहासिक का प्रमुख स्थल है,जो दुनियाभर के पर्यटक आकर्षित होते हैं।

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2. सिटी पैलेस (City Palace)

अगर आप जयपुर जाते हैं और सिटी पैलेस को नहीं देखते हैं, तो आपकी जयपुर की यात्रा अधूरी मानी जाती है, क्योंकि सिटी पैलेस जयपुर का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो जयपुर के शाही परिवार का आवास है। सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा इस भव्य पैलेस को संगमरमर से बनाया गया है। सिटी पैलेस के भव्य स्तंभ, इसके अंदर किए गए जाली काम और नक्काशी सुंदर और आकर्षित है। सिटी पैलेस में चंद्र महल और मुबारक महल स्थित है, जिसकी वास्तुकला और कारीगरी खूबसूरत है। इस महल के परिसर में दीवाने-खास, एक हथियार प्रदर्शन और एक संग्रहालय बग्गी खाना भी स्थित है। पैलेस के ‘दीवाने-आम’ में लघु चित्रों के संग्रह को देख सकते है, साथ शस्त्रागार में प्राचीन शाही शस्त्र, जिसमे तलवार, खंजर ,ढाल, बख्तर, तोप, गोले आदि देख सकते है। इस महल के 1द्वार को मोर के पंख के आकार में चित्रित किया गया है, जो बहुत ही सुंदर है। महल के भीतर कई इमारतें, आंगन और खूबसूरत गार्डन जो महल को और भी सुंदर बनाते है।

3. आमेर का किला (Amer ka kila)

Amer Ka Kila

राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर में अरावली पहाड़ीयो में आमेर का किला स्थित है। राजा मान सिंह ने 1592 ई में किले का निर्माण करवाया था और उनके उत्तराधिकारियों ने करीबन 100 वर्षों तक किले का विस्तार और नवीकरण का कार्य किया। आमेर का किला पारंपरिक हिंदू और राजपुताना शैली निर्मित है, जो संगमरमर और लाल बलुआ पत्थरों बनाया गया है। किले में प्राचीन शिकार शैलियों, राजपूत शासकों के चित्र और शस्त्र देखने मिलेंगे। आमेर के किला का रहस्य यह है की किले में राजा मान सिंह का एक खजाना छिपा हुआ है लेकिन आजतक कोई प्रमाण नहीं मिला। पर्यटकों और फोटोग्राफरों के लिए आमेर का किला स्वर्ग के समान है, क्योंकि यहां आने वाले पर्यटक प्रतिदिन किले में शाम को इस किले से अद्भुद नजारों देख पाते है।अधिक पढ़े….

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4. नाहरगढ़ किला (nahargarh kila)

nahargarh kila

नाहरगढ़ किला, rajasthan jaipur का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो राजपुत शौर्य और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है। पिन्क संगमरमर से बांधी गई लाल दीवारों से किले को एक बेजोड़ और शानदार रूप देते हैं। नाहरगढ़ किला का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा 1734 में करवाया गया था। यह किला राजपुत राजाओं के आलंब में बनाया गया था और उनके राजमहल के रूप में कई महलों और आवासों को शामिल करता है। यह एक उच्चतम और विशाल किला है जो जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।

5. जयगढ़ किला (Jaigarh Fort)

Jaigarh Fort

18 वीं शताब्दी में बना जयगढ़ का किला वास्तुकला का शानदार उदाहरण है। जयपुर के किलों में से सबसे ज्यादा मजबूत और शहर के समृद्ध अतीत को बताता है। इस किले में दुनिया की सबसे बड़ी और मजबूत तोप स्थित है, जिसका एक ही बार परीक्षण किया गया है। इस किले के निर्माता सवाई जय सिंह है, इसलिए इस किले का नाम उनके नाम पर जयगढ़ रखा गया। मुगल शासन के समय में यह प्रमुख रूप से तोप खाना बन गया था और युद्ध के लिए जरूरी गोला बारूद, तलवार,अन्य धातु आदि हथियार के रखने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे। जयगढ़ किला विशाल रेंज में फैला हुवा है और इस किले की दिवारे बलुआ पत्थर और मोटी दीवारों द्वारा सुरक्षित है। जयगढ़ किले में ललित मंदिर, विलास मंदिर, लक्ष्मी विलास और राम मंदिर अपनी वास्तुकला से पर्यटकों को आकर्षित करती है।

6. रामबाग पैलेस (Rambagh Palace)

Rambagh Palace

रामबाग पैलेस का निर्माण करीबन 1835 के दौरान रानी की चहेते नौकरानी केसर बरदान के लिए करवाया था। बाद में इस स्मारक को एक महल में बदलकर जयपुर के महाराजा के निवास के रूप में इस्तेमाल करने लगे। रामबाग पैलेस में रहने के लिए मान सिंह द्वितीय ने कई बदलाव किए। रामबाग पैलेस को ‘जयपुर का गहना’ कहा जाता है। रामबाग पैलेस में कई नवीनीकरण किया जिसको ‘स्वीट डिजाइन’ यानि ‘महारानी सूट’ नाम रखा गया था। वर्तमान समय में इस महल को एक होटल में तब्दील कर दिया गया है, लेकिन अभिभि tourist places in jaipur की लिस्ट में शामिल है। जहां देश – विदेश से पर्यटक घूमने आते हैं।

7. जल महल (Jal Mahal)

Jal Mahal

सवाई जयसिंह ने 1799 ईस्वी में जल महल का निर्माण करवाया था। यह महल जयपुर-आमेर मार्ग पर मानसागर झील के मध्य स्थित होने की वजह से इसका नाम जल महल रखा गया। महल के निर्माण के पूर्व जयपुर की जलापूर्ति के लिए जयसिंह ने गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण किया था। अरावली पहाड़ियों के गर्भ में स्थित मानसागर झील के मध्यमे होने की वजह से जल महल को ‘आई बॉल’ , ‘रोमांटिक महल’ भी कहते है। क्योंकि राजा अपनी रानियों के साथ खास वक्त बिताने के लिए जल महल का इस्तेमाल किया करते थे।

8. जंतर मंतर (Jantar Mantar)

Jantar Mantar

राजा सवाई जय सिंह ने 1728 में जंतर मंतर का निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया था। यह स्मारक के ज़रिए ज्योतिषीय और खगोलीय घटनाओं की स्थिति की उचित पर भविष्यवाणी की जाती थी। राजा सवाई जय सिंह ने पाँच स्थानों पर खगोलीय वेधशालाऐं बनवाई जो जयपुर, दिल्ली, उज्जैन, मथुरा और बनारस में स्थित है। यह सभी वेधशालाओं में जयपुर का जंतर मंतर सबसे विशाल है और इसका निर्माण करीबन दस सालो में पूर्ण हूवा था। पहले जंतर मंतर के उपकरण लकड़ी से बनाए गए थे और उपकरणों को अस्थायी रूप से निरीक्षण करने बाद इस उपकरण और यंत्रों को पत्थर से निर्मित किए गए।

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9. बिड़ला तारामंडल (Birla Planetarium)

Birla Planetarium

बिड़ला तारामंडल का उद्घाटन भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने साल 2 जुलाई 1963 को वैज्ञानिक शिक्षा और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए अपना कार्य 29 सितंबर 1962 को ही प्रारंभ किया था। जयपुर में स्थित बिड़ला तारामंडल भारत का दूसरा तारामंडल है और पहला तारामंडल कलकत्ता में स्थित है। लेकिन जयपुर का तारामंडल एशिया का सबसे बड़ा और अनोखा तारामंडल है।

10. जयपुर वैक्स म्यूजियम (Jaipur Wax Museum)

Jaipur Wax Museum

जयपुर वैक्स म्यूजियम लोकप्रिय स्थलों में से एक है, जिसमे इतिहास, कला और संस्कृति को एकसाथ देख सकते है। जयपुर वैक्स म्यूजियम भारत का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय मानक मोम संग्रहालय है, जो अरावली की पहाड़ियों में स्थित नाहरगढ़ किले में स्थित है। इस संग्रहालय में करीबन 25 प्रसिद्ध हस्तियों की मोम और सिलिकॉन से बनी प्रतिमाये प्रदर्शित है। जिसमे ए.पी.जे अब्दुल कलाम, कल्पना चावला, मदर टेरेसा, दलाई लामा, महात्मा गांधी, अमिताभ बच्चन, सांचिन तेंदुलकर आदि जो अपने देश और समाज के लिए भी प्रतिष्ठित व्यक्ति है। यह सभी मूर्तियों को सुसांता रे द्वारा बनाई गई है जो किले के हॉल ऑफ आइकॉन’ और ‘रॉयल दरबार’ खंडों में देख सकते है।

11. अल्बर्ट हॉल संग्रहालय (Albert Hall Museum)

Albert Hall Museum

राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय अल्बर्ट हॉल संग्रहालय है, जो जयपुर के राम निवास उद्यान में स्थित है। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय का नाम प्रिंस ऑफ व्हेल्स, अल्बर्ट एडवर्ड के नाम पे रखा गया है, जो इंडो-सरैसेनिक वास्तुकला का प्रतीक है। 6 फरवरी 1876 को जब अल्बर्ट एडवर्ड भारत आए थे तब अल्बर्ट हॉल की नींव रखी गई थी। इस संग्रहालय हरे भरे बागानों से सुसज्जित और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से लाये गए कलाकृतिया और संग्रहालयय की दीर्घाओं में अतीत से प्राचीन वस्तुओं और कलाकृतियों का व्यापक संग्रह है। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में प्राचीन सिक्के, संगमरमर की कला, मिट्टी के बर्तनों, कालीनों और विशेष रूप से मिस्र की ममी भी देख सकते है। यह प्राचीन चीजे इतिहास प्रेमी के साथ पर्यटकों के घूमने के लिए जयपुर की सुंदर और आकर्षक स्थानों में से एक है।

12. गुड़िया संग्रहालय (Dolls Museum)

भगवानी बाई सेखसरिया चेरिटी ट्रस्ट जयपुर द्वारा निर्माणित है। यह एक सांस्कृतिक संग्रहालय है। राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत द्वारा 7 अप्रेल 1979 को इस संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इस संग्रहालय में भारत के अलावा अनेक देशों की गुड़ियाएं देखने को मिलेंगी। सभी गुड़ियों की बनावट, सजावट और चेहरे की आकृति, अपने देश की संस्कृति, कला, वेशभूषा और चेहरों रूबरू करवाती है। यह गुड़ियों के जरिए उनके देश की संस्कृति, सभ्यता, पोशाक व्यवसाय, रीति-रिवाज तथा उस देश के नागरिकों के मनोविज्ञान का ज्ञान मिलता है। भारत के सभी प्रांतों में प्रसिद्ध गुड़ियाओं एवं कठपुतलियों के नमूने इस संग्रहालय में देख सकते है।

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13. गलताजी मंदिर (Galta Ji temple)

Galta Ji temple

दीवान राव कृपाराम द्वारा निर्मित यह मंदिर शानदार गुलाबी बलुआ पत्थर है, कृपाराम सवाई राजा जय सिंह द्वितीय के दरबारी थे। जयपुर शहर के बाहरी भाग में स्थित यह प्रागैतिहासिक हिंदू तीर्थ स्थान है। इस मंदिर मे कई मंदिर, पवित्र कुंड, मंडप और प्राकृतिक झरने जो पहाड़ी इलाके के दिल में स्थित है और यह सुंदर घाट से घिरा है। हर साल भारी संख्या में पर्यटक यह आते है और कुछ अनोखी यादें अपने साथ ले जाते है। गलताजी मंदिर का निर्माण गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर से करवाया गया है। मंदिर में कई अन्य मंदिर और विशाल परिसर है। मंदिर की दीवारें नक्काशी और चित्रों से सजाई गई है। गलताजी मंदिर अपनी वास्तुकला, नक्काशी और भिंतचित्र अनोखे है। पारंपरिक मंदिर की तुलना में यह मंदिर भव्य महल या ‘हवेली’ की तरह दिखता है। यह मंदिर बंदरों की विभिन्न जातियों के लिए प्रसिद्ध है।

14. बिरला मंदिर (birla mandir jaipur)

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बिरला मंदिर जयपुर का एक ऐसा मंदिर है जो भारत में स्थित कई बिरला मंदिरों का एक हिस्सा है। बिरला मंदिर को “लक्ष्मी नारायण मंदिर” के रूप में भी जाना जाता है जो मंदिर मोती डूंगरी पहाड़ी पर स्थित है। जयपुर के बिरला मंदिर का निर्माण 1988 में बिरला द्वारा किया गया था, जब जयपुर के महाराजा ने एक रुपये की टोकन राशि के लिए जमीन दे दी थी। सफेद संगमरमर से निर्मित, बिड़ला मंदिर की संरचना में आप प्राचीन हिंदू वास्तुकला शैली और आधुनिक डिजाइन का मेल देख सकते हैं। मंदिर की दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं प्रतिमा, सुंदर नक्काशी, पुराणों और उपनिषदों के ज्ञान से सुंदर सजाया गया है।

15. गोविंद देव जी मंदिर (Govind dev ji mandir)

Govind dev ji mandir

गोविंद देव जी मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों में एक है जो जयपुर के सिटी पैलेस परिसर में स्थित है और राजस्थान में उच्च धार्मिक मूल्य के साथ जयपुर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थान भी है। यह मंदिर गोविंद देव जी या भगवान कृष्ण को समर्पित है। वृंदावन के ठाकुर श्री कृष्ण के 7 प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

16. मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Moti Dungri Ganesh Mandir)

Moti Dungri Ganesh Mandir

जयपुर में एक छोटी पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर लोकप्रिय मंदिरों में से एक है और यह मोती डूंगरी पैलेस से घिरा है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है, इसलिए यह मंदिर ‘मोती डूंगरी गणेश मंदिर’ से प्रसिद्ध है। मोती डूंगरी गणेश मंदिर का निर्माण 1761 में सेठ जय राम पल्लीवाल की निगरानी में करवाया था। यह मंदिर करीबन दो किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस मंदिर की भारतीय उपमहाद्वीप की वास्तुकला की प्रगति का प्रमाण है अभिभी जीवित है। यह मंदिर तीन गुंबदों से सुशोभित है जो तीन प्रमुख धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंदिर का निर्माण जटिल पत्थर, नक्काशी, संगमरमर पर बनाई गई पौराणिक छवियों और उत्कृष्ट अक्षांश के लिए पहचाना जाता है। यह मंदिर ऐसा दृश्य प्रस्तुत करता है की श्रद्धालुओं, कला-प्रेमियों और इतिहास प्रेमी के साथ पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।

17. त्रिपोलिया बाज़ार (Tripolia bazaar)

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त्रिपोलिया बाज़ार जयपुर के प्रसिद्ध बाजारों में से एक है और इसका नाम गेट से रखा गया है। इस बाजार में पीतल के बर्तनों, कालीन एवं लोहे के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा कपड़े, फर्नीचर, बर्तन, चटाइयां एवं आभूषण और लाख से बनी चूड़ियां आदि शामिल है।

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18. जौहरी बाज़ार (Johri Bazaar)

खरीदारी के लिए जयपुर में जौहरी बाज़ार लोकप्रिय है। जौहरी बाज़ार ढेरों आभूषणों और हस्तनिर्मित कपड़ों, फर्नीचर और कला के साथ 400 से अधिक दुकानें और भंडार के लिए प्रसिद्ध है। इस बाजार में कम कीमत वाले हस्तशिल्प से लेकर लाखों मूल्य के रत्नों और आभूषणों की एक विस्तृत विविधता देख सकते है। जौहरी बाज़ार में सभी चीजें आपको हाथ से बनी हुई मिलेंगी। इसमें जयपुरी ज्वेलरी, हैंडीक्राफ्ट, कई तरह की चूड़ियों के डिजाइन बेहद मशहूर है।

19. बापू बाजार (Bapu Bazaar)

जयपुर के सबसे पुराने और बेहतरीन बाजारों में से एक यह बाजार जयपुर के बिल्कुल बीच में स्थित है। यह बाजार राजस्थानी चीजों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा इस बाजार में कपड़ा, हैंडीक्राफ्ट , पीतल का काम और कीमती पत्थर, जयपुर की खास चीजें आदि कम दाम में मिल जायेंगे।

निष्कर्ष :

इस लेख में जयपुर के प्रसिद्ध एतिहासिक और प्राकृतिक सुंदर पर्यटन स्थानों के बारे में बताया। जोकि एक यात्री के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमे उम्मीद है की यह लेख jaipur me ghumne ki jagah आपको पसंद आया होगा। हमने इस लेख के जरिए जयपुर की कुछ जानकारी प्रदान की पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे।

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