स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाने का सही समय, प्रवेश शुल्क और यात्रा की जानकारी

Statue Of Unity History In Hindi

सरदार वल्लभभाई पटेल की स्मृति में गुजरात में Statue Of Unity नामक एक विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। इस प्रतिमा का उद्घाटन 31 अक्टूबर 2018 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह प्रतिमा सरदार पटेल के योगदान और विरासत को सम्मानित करने के उद्देश्य से बनाई गई है।

Statue Of Unity History In Hindi लेख में हम भारत के महान नेता सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के बारे में जानकारी साझा करेंगे। यह प्रतिमा Statue Of Unity के नाम से जानी जाती है। यदि आप भी सरदार वल्लभभाई पटेल की इस प्रतिमा के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो कृपया इस लेख को पूरा पढ़ें।

भारत की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की जानकारी – Statue Of Unity History In Hindi

1947 में, सरदार वल्लभभाई पटेल ने सौराष्ट्र संघ की स्थापना की और हैदराबाद, ग्वालियर, जूनागढ़, कश्मीर जैसी कई रियासतों को भारत का हिस्सा बनाने के लिए संवाद और सहमति का मार्ग अपनाया। अपनी मजबूत इच्छाशक्ति, गहरी समझ और राजनीतिक कौशल से उन्होंने देश के विभाजित क्षेत्रों को एकजुट किया और एक सशक्त भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्हें भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है, के सम्मान में उनकी आदर्श छवि को समर्पित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया गया है। यह भव्य प्रतिमा गुजरात में स्थित है और अपनी विशालता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई लगभग 182 मीटर है, जो इसे स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी दोगुना ऊंचा है। यह प्रतिमा 60 मंजिला इमारत के बराबर दिखती है और इसे देखकर हर पर्यटक आश्चर्यचकित रह जाता है। सरदार सरोवर बांध के निकट स्थित यह प्रतिमा अपने स्थान और महत्व के कारण विशेष है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में भारत के सभी नागरिकों ने लोहे का योगदान देकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया। यह प्रतिमा भारतीय जनता की अखंडता और सामूहिक प्रयास का प्रतीक है। इस पहल में किसान भी शामिल हुए, जिन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। सरदार पटेल के प्रिय विषय कृषि को ध्यान में रखते हुए, एक विशेष परियोजना शुरू की गई है, जिसमें जल प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और बायोटेक्नोलॉजी जैसे पहलुओं पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा, आसपास के आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए एक शोध केंद्र की स्थापना भी की गई है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र को एक हाईटेक रिसर्च इंस्टीट्यूट और डिटरमिनेशन सेंटर जैसे संस्थानों के साथ ज्ञान और विकास का केंद्र बनाया गया है। इस प्रतिमा को न केवल विकास कार्यों के प्रतीक के रूप में बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया गया है। इसकी भव्यता और महत्व के कारण हर साल लाखों पर्यटक इसे देखने आते हैं, जिससे यह क्षेत्र देश और दुनिया के आकर्षण का केंद्र बन गया है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास एक दरगाह भी स्थित है, जहां से पर्यटक सरदार सरोवर बांध का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। इसके साथ ही, यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य, ऊँचे-ऊँचे पहाड़, और मनमोहक दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और दर्शकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।

इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र में विजिटर मेमोरियल सेंटर, एग्जिबिशन गैलरी, श्रेष्ठ भारत भवन, एवी थिएटर, अंडरवॉटर एक्सपीरियंस और साउंड एंड लाइट शो जैसी मनोरंजक सुविधाएं भी मौजूद हैं। इसे दुनिया के सबसे बड़े बांधों में से एक कहा जाता है। इसके साथ ही, यहां टनल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंडिया लिमिटेड को भी शामिल किया गया है, जो इस क्षेत्र के विकास और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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गुजरात स्टैच्यू ऑफ यूनिटी – Gujarat Statue Of Unity In Hindi

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा है, जो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी ऊंची है। इस भव्य प्रतिमा का निर्माण 42 महीनों में पूरा हुआ, जिसकी लागत लगभग 2332 करोड़ रुपये थी, जबकि पूरी परियोजना पर 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए। 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा का वजन 67,000 मीट्रिक टन है और इसे हवा, जल और भूकंप जैसी आपदाओं का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके निर्माण में 4,500 मजदूरों और 5 लाख किसानों के योगदान से पुराने औजारों का उपयोग किया गया।

प्रतिमा के अंदर एक विशाल हॉल है, जिसमें एक समय में 200 लोग ठहर सकते हैं। पर्यटकों के लिए 5 किमी की बोट राइड और नजदीक ही श्रेष्ठ भारत भवन में थ्री-स्टार होटल के 52 कमरे उपलब्ध हैं। पास में एक पब्लिक प्लाजा भी है, जहां खाने-पीने और खरीदारी की सुविधा है। 2019 में, इस अद्भुत प्रतिमा को 39 लाख पर्यटकों ने देखा।

सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से नाम करण किये गए स्थान

सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में कई प्रतिष्ठित स्थान और संस्थान स्थापित किए गए हैं, जैसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सरदार पटेल स्टेडियम, राष्ट्रीय स्मारक, सरदार पटेल विश्वविद्यालय और अहमदाबाद में सरदार पटेल एपीएमसी मार्केट। ये सभी उनके योगदान और विरासत को सहेजने के प्रतीक हैं।

सरदार पटेल स्टैच्यू निर्माण की लागत – Statue Of unity Cost In Hindi

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण पर लगभग 2332 करोड़ रुपये की लागत आई, जबकि पूरी परियोजना पर कुल 3000 करोड़ रुपये का खर्च हुआ। यह परियोजना भारत की तकनीकी और सांस्कृतिक उत्कृष्टता का प्रतीक है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नजदीकी पर्वतीय श्रृंखलायें 

भारत के महान नेता सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा नर्मदा बांध की ओर मुख करके बनाई गई है। यह स्थल गुजरात के केवड़िया शहर के पास, सापुतारा और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है, जो इसे प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्व प्रदान करता है।

सरदार पटेल की प्रतिमा 20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है और इसे लगभग 12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली एक कृत्रिम झील से घेर लिया गया है, जो इसके भव्यता को और बढ़ाता है।

सरदार पटेल स्टैच्यू के अन्दर ऑब्जरवेशन डेक

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास, नर्मदा नदी से लगभग 500 फीट की ऊंचाई पर एक ऑब्जर्वेशन डेक बनाया गया है, जिसमें एक समय में 200 लोग एकसाथ रुक सकते हैं। यहां से पर्यटकों को सुंदर दृश्य का आनंद मिल सकता है। इस म्यूजियम में लेजर लाइट शो भी आयोजित किया जाता है, जो आगंतुकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की मजबूती

सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह हवा, जल और भूकंप जैसी खतरनाक आपदाओं का सामना कर सके। यह प्रतिमा तेज भूकंप, 60 किमी प्रति सेकंड से लेकर 100 किमी प्रति सेकंड तक की तीव्रता से होने वाले भूकंपों का सामना करने में सक्षम है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अन्य पर्यटन स्थल 

स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी के नजदीकी एक म्यूजियम, एक 3 सितारा लक्ज़री होटल,एक फ़ूड कोर्ट, एक स्मारक उद्यान और एक भव्य संग्रहालय यह स्मारक स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी का ही हिस्सा है।

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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी टिकट

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की यात्रा के लिए पर्यटक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से टिकट बुक कर सकते हैं। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का प्रवेश शुल्क 60 रुपये से लेकर 350 रुपये तक है। पर्यटक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से टिकट बुक कर सकते हैं। यह स्थल सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। 5 साल तक के बच्चों के लिए प्रवेश मुफ्त है, जबकि 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए 60 रुपये और वयस्कों के लिए 120 रुपये शुल्क है। 350 रुपये में अवलोकन डेक, फूलों की घाटी, सरदार पटेल स्मारक, संग्रहालय, ऑडियो-विज़ुअल गैलरी, एकता साइट और सरदार सरोवर बांध सहित सभी प्रमुख स्थलों का भ्रमण किया जा सकता है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कैसे पहुंचे :

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात के केवडिया में स्थित है, और यहां पहुंचने के लिए आपको नर्मदा जिले के केवडिया डेम तक पहुंचना होगा। सबसे नजदीकी हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन वड़ोदरा है, जो केवडिया से लगभग 86 किमी दूर है। वड़ोदरा से सड़क मार्ग द्वारा दो घंटे में आप स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंच सकते हैं।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के प्रश्न

1. स्टैचू ऑफ यूनिटी कहां है ?

स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी गजरात के नर्मदा जिले के केवडिया शहर से करीबन 86 किमी की दुरी पर सरदार सरोवर बांध पर स्थित है।

2. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की कमाई कितनी है ?

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने एक साल में 63 करोड़ रुपए की कमाई की थी।

3. statue of unity india की लागत कितनी हुई थी ?

स्टैचू ऑफ यूनिटी के निर्माण में करीबन 2332 करोड रुपएा खर्च हुवे थे।

4. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का क्षेत्र कितना है ?

सरदार की प्रतिमा में 20,000 वर्ग मीटर का क्षेत्र शामिल है और करीबन 12 वर्ग किमी कृत्रिम झील से घिरा हुवा है।

5. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई कितनी है

इस प्रतिमा की ऊंचाई करीबन 182 मीटर है। और यह 60 मंजिला ईमारत जीतनी दिखती है।

6. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी kya hai ?

स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी भारत के महान पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की याद निर्मित उनकी प्रतिमा है।

7. पर्यटकों की संख्या हर साल कितनी आती है ?

स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी को 2019 के पूरे साल में 39 मिलियन पर्यटकों ने देखा था।

निस्कर्ष

आपको सरदार वल्लभभाई पटेल की Statue Of Unity History In Hindi में जानकारी मिल चुकी होगी। इस लेख में हमने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में विस्तार से बताया है। यदि आप अन्य ऐतिहासिक स्थलों और प्राचीन स्मारकों के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो कृपया कमेंट करें। हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ साझा करें। जय हिन्द!

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